पपीता खाने का लाभ और आयुर्वेदिक नुस्खे


पपीता 


पपीता बहुत ही लाभकारी फल है पपीता के पेड़ देख दिल खुश हो जाता बहुत जल्द फल देते और डेंगू जैसे बीमारी में इसके पत्ते बहुत काम आते हैं ।

पपीता का परिचय :--

पपीता एक ऐसा फल है जो बहुत ही आसानी से कहीं भी मिल सकता है। यहां तक कि आप घर के आस-पास थोड़ी-सी जगह होने पर वहां भी लगा सकते हैं। पपीता को कच्चा या पका दोनो अवस्थाओं में खा सकते हैं। कच्चा हो या पका पपीता के औषधीय गुणों के कारण ये कई बीमारियों के लिए उपचारस्वरुप प्रयोग किया जाता है।

आयुर्वेद में पपीता के पौष्टिक गुणों के कारण इसको दांत और गले के दर्द के साथ-साथ दस्त, जीभ के घाव, दाद, सूजन जैसे अनेक बीमारियों के लिए औषधि के रुप प्रयुक्त किया जाता है। चलिये आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पपीता क्या है :---

जैसा कि पहले ही चर्चा की गई कि पपीता का पेड़ हल्के छोटे और आसानी से उगने वाले होते हैं। इसके फल विभिन्न आकार के, गोलाकार अथवा बेलनाकार, कच्ची अवस्था में हरे तथा  पकने के बाद पीले रंग के हो जाते हैं। फलों के अन्दर काले धूसर रंग के गोल मरिच जैसे बीज रहते हैं। इसकी फलमज्जा पकने पर पीली तथा मीठी होती है। इस पौधे के किसी भी भाग में हल्का खरोंच आने पर भी दूध जैसा पदार्थ निकलने लगता है, जिसको आक्षीर कहते है।

पपीता कच्चा हो या पका उसमें इतने सारे मिनरल, विटामिन, प्रोटीन, एनर्जी आदि है कि वह बहुत सारे रोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है। पपीता प्रकृति से कड़वा, गर्म, तीखा, कफ और वात कम करने वाला और जल्दी हजम होने वाला होता है। इसका क्षीर या कच्चे पपीते को काटने से जो दूध निकलता है वह पाचक होता है।

पपीता  का कच्चा फल थोड़ा कड़वा तथा मधुर होता है। और पका हुआ फल मधुर, पित्त कम करने वाला, सूजन का दर्द कम करने वाला, वात को कम करने के साथ-साथ रक्त को भी शुद्ध करता है।  यह विष हरने वाला, बल बढ़ाने वाला, पसीना निकालने वाला तथा कुष्ठनाशक होता है।

अन्य भाषाओं में पपीता का नाम (Name of Papaya in Different Languages)

पपीता का वानस्पतिक नाम Carica papaya Linn. (कैरिका पपाया) Syn-Papaya carica Gaertn होता है। पपीता Caricaceae (कैरीकेसी) कुल का होता है। पपीता को अंग्रेजी में Papaya (पपाया) कहते हैं। लेकिन भारत के अन्य प्रांतों में पपीता को भिन्न भिन्न नामों से पुकारा जाता है।

Papaya in-

Sanskrit-एरण्ड कर्कटी, ब्रह्मएरण्ड
Hindi-पपीता, पोपैया
Kannada-परंगीमारा (Parangimara), गोपे (Goppe)
Gujrati-पपाई (Papayi), चिबड़ा (Chibda)
Telugu-बोप्पयी (Boppayi), मधुरनकमु (Madhurnakamu)
Tamil-पप्पई (Pappayi), परंगियमनक्कु (Parangiyamanakku)
Bengali-पापैया (Papiya), पपेया (Papeya)
Nepali-मेवा (Mewa)
Panjabi-एरण्डखर्बूजा (Arandkharbuza), खर्बूजा (Kharbuja)
Marathi-पपाया (Papaya)
Malayalam-कप्पलम (Kappalam)
English-मेलन ट्री (Melon tree), ट्री-मेलन (Tree-melon)
Arbi-आनाबाहेहिंदी (Aanabahehindi), अम्बा-हिन्दी (Amba-hindi)
फारसी-अम्बाहिन्दी (Ambahindi)
पपीता के फायदे (Papaya Uses and Benefits in Hindi)
पपीता में विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, पोटाशियम, एनर्जी जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। जिसके कारण आयुर्वेद में पपीते के पत्ते, बीज, जड़ और फल सबका रोगों के उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है।

मुँह के छालों को ठीक करने में फायदेमंद पपीता 

कई बार किसी दवाई के एलर्जी के कारण,  किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के वजह से या शरीर में किसी विटामिन की कमी से मुँह में छाले या घाव होने लगते हैं। इस परेशानी से राहत पाने के लिए पपीते का इस्तेमाल ऐसे करने पर आराम मिलता है। पपीते के दूध या आक्षीर को जीभ पर लगाने से जीभ पर होने वाला घाव जल्दी भर जाते हैं।

दांत दर्द में लाभकारी पपीता 

अगर दांत दर्द से परेशान हैं तो पपीते का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है। पपीते से प्राप्त दूध को रूई में लपेटकर लगाने से दांत का दर्द कम होता है।

कंठरोग से दिलाये राहत 

कई बार ठंड लगने के कारण गले में दर्द या सूजन हो जाती है लेकिन पपीता से बनाये गए घरेलू उपाय का प्रयोग करने से जल्दी आराम मिलता है। पपीता से प्राप्त आक्षीर या दूध को जल में मिलाकर गरारा करने से गले के रोगों में लाभ होता है।

कमजोरी दूर करने में मदद करता है 

अगर लंबे बीमारी के कारण या पौष्टिकता की कमी के वजह से कमजोरी महसूस हो रही है तो पपीता का इस तरह से सेवन करने पर लाभ मिलता है। पपीता के कच्चे फलों का साग बनाकर सेवन करने से अग्निमांद्य (Dyspepsia) तथा कमजोरी में लाभ होता है।

दस्त रोके पपीता 

अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का  नाम ही नहीं ले रहा तो पपीता का घरेलू उपाय बहुत काम आता है।
पके बीजों का सेवन चावल के साथ करने से अतिसार या दस्त में फायदा पहुँचता है। इसके अलावा कच्चे फल का साग बनाकर सेवन करने से अतिसार में लाभ होता है।

बवासीर में फायदेमंद पपीता 

आजकल के असंतुलित खान-पान के वजह से बवासीर की समस्या बढ़ने लगी है। इसके दर्द से राहत पाने में पपीता बहुत फायदेमंद साबित होता है। पपीता के कच्चे फलों से प्राप्त आक्षीर या दूध को अर्श के मस्सों पर लगाने से बवासीर में लाभ होता है। इसका प्रयोग चिकित्सकीय परामर्शानुसार करना चाहिए।

लीवर-प्लीहा से जुड़े रोगों में लाभकारी है पपीता 

अगर कोई लीवर और स्प्लीन संबंधी बीमारियों से परेशान है तो पपीता का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है।

पपीता के फलों का सेवन करने से रक्तार्श, यकृत् तथा प्लीहा-विकारों का शमन होता है।


लकवा के लक्षणों से दिलाये राहत 
लकवा होने पर जो परेशानियां होती है उससे राहत दिलाने में पपीता काम करता है। पपीता के बीजों से तेल बनाकर, छानकर मालिश करने से लकवा तथा अर्दित (मुँह का लकवा) में लाभ होता है।
त्वचा-विकार से दिलाये राहत 
आजकल के तरह-तरह के नए-नए कॉज़्मेटिक प्रोडक्ट के दुनिया में त्वचा रोग होने का खतरा भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। पपीता के द्वारा बनाये गए घरेलू उपाय चर्म या त्वचा रोगों से निजात दिलाने में मदद करते हैं।

पौधे से निकलने वाले आक्षीर को सिध्म, गोखरू, अर्बुद, गाँठ तथा चर्म रोगों में लगाने से लाभ होता है।

दाद-खुजली से दिलाये आराम पपीता 

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में दाद-खुजली रोग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। हर कोई किसी न किसी त्वचा संबंधी परेशानी से ग्रस्त हैं। पपीता इन सब परेशानियों को कम करने में मदद करता है।

पपीता के बीजों को पीसकर, उसमें ग्लिसरीन मिलाकर दाद पर लगाने से दाद तथा खुजली में लाभ होता है। इसके अलावा इसके फलों से प्राप्त आक्षीर को लगाने से दाद तथा खुजली की परेशानी कम होती है।

सूजन को करे कम पपीता 

अगर किसी चोट के कारण या बीमारी के वजह से किसी अंग में हुए सूजन से परेशान है तो पपीता के द्वारा किया गया घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद होता है।  
पपीता के फल मज्जा को पीसकर लगाने से सूजन कम होती है।
बिच्छू के काटने पर उसके असर को कम करने में पपीता मदद करता है। पपीते के कच्चे फल से प्राप्त आक्षीर या दूध को दंश-स्थान पर लगाने से वृश्चिक या बिच्छू दंशजन्य विषाक्त प्रभाव कम  होता है।
मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग होने पर पपीता फायदेमंद होता है 

पपीता के उपयोगी भाग :---


पपीते के फल, पत्ते, बीज, जड़ और आक्षीर का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है।
विशेष नोट:-- 
गर्भवती महिला पपीता का सेवन न करें 
पपीता का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए :---
बीमारी के लिए पपीता के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए पपीता का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए संपर्क करें:--


प्रदीप पाई आयुर्वेदिक केंद्र
बस स्टैंड के पास 
पाई (कैथल) हरियाणा 
9996250285

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