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राष्ट्रीय बांस मिशन क्या है! { "National Bamboo Mission" }

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*_बारिश सबके आंगन में होता है। आपके हिस्से में कितना पानी आएगा। यह आंगन में रखे हुए कटोरे के ऊपर निर्भर करता है।_*  *प्रश्न:- राष्ट्रीय बांस मिशन क्या है?*   *उत्तर:-* राष्ट्रीय बांस मिशन कृषि मंत्रालय द्वारा प्रायोजित एक संगठन है जो भारतीय किसानों को बांस की खेती के लिए प्रोत्साहित करता है।  *प्रश्न:- राष्ट्रीय बांस मिशन की स्थापना कब की गई थी?*   *उत्तर:-* राष्ट्रीय बांस मिशन की स्थापना कृषि मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में की गई थी।  *प्रश्न:- बांस की खेती से किसानों को क्या लाभ है?*   *उत्तर:-* बांस की खेती किसानों के लिए सर्वाधिक लाभ की खेती है। धान, गेहूं, गन्ना, पपीता, केला  या किसी और भी फसल की तुलना में बहुत अधिक है। बांस की खेती से किसान प्रति एकड़ प्रतिवर्ष ₹200000 से ₹500000 तक कमा सकता है।  *प्रश्न:- बांस की खेती मे एक बार पौधरोपण के बाद कितने साल तक अनवरत उत्पादन लिया जा सकता है?*   *उत्तर:-* बांस की खेती में एक बार पौधरोपण के बाद लगातार 60 साल तक उत्पादन लिया जा सकता है।  *प्रश्न:- बांस उत्पादन के बाद  बाजार कहां उपलब्ध है?*   *उत्तर:-* चुंकि बॉस का उपयोग अब बहुत

बांस की खेती के फायदे

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*बांस की खेती मतलब तनाव से मुक्ती (1 एकड़ बनाम 4 एकड़)*   *1:-* 1 एकड़ में बांस की खेती का आमदनी किसी और फसल की खेती के तुलना में 4 गुना से भी अधिक होता है।  *2:-* बांस की खेती बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भी किया जा सकता है  *3:-* बांस की खेती पोषण और बंजर जमीन में भी किया जा सकता है।  *4:-* बांस की खेती धूंस वाली जगह पर भी किया जा सकता है।  *5:-* बांस की खेती पर मौसम का कोई असर नहीं होता है।  *6:-* बांस की खेती पर जलवायु का कोई असर नहीं होता है।  *7:-* बांस की खेती पर ओलावृष्टि का भी कोई असर नहीं होता है।  *8:-* बांस की खेती में पौधारोपण के बाद 60 साल तक लगातार फसल का उत्पादन लिया जा सकता है।  *9:-* बांस की खेती ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करके अगली पीढ़ी को सुरक्षित पर्यावरण देने में भी सक्षम है।  *नोट:-* इसीलिए किसानों को अपनी क्षमता के हिसाब से बांस की खेती करनी चाहिए। 👉बांस की खेती मतलब हरा सोना अनुबंध के साथ खेती करने के लिए संस्था से संपर्क करें। *औषधीय खेती विकास संस्थान* Mo -9044966260 www.akvsherbal.com https://chat.whatsapp.com/G5XtIAu5nXNGh5vDNxigV5

लेमनग्रास की खेती (नींबू घास)

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लेमनग्रास की खेती  ( नींबू घास) एक ऐसी फसल जिसकी खेती बंजर से बंजर भूमि, ऊसर, अनुपजाऊ, सूखाग्रस्त क्षेत्रों, पथरीली, कंकरीली जमीनों, पहाड़ों, जंगलों सड़कों, तालाबों, रेलवे पटरिओं के किनारे तथा उबड़ खाबड़ जमीनों पर बड़ी ही आसानी से कर सकते है I फसल परिचय लेमन ग्रास को चाइना ग्रास, नींबू घास, मालाबार घास, और कोचीन घास भी कहते है ! यह सरपत, या कुश के पौधे की तरह झुण्ड में होता है एवं एक झुण्ड में लगभग 20-25 पौधे होते है जिन्हे स्लिप कहते है I इस पौधे की पत्तियों से तेल निकाला जाता है, इसमें CITRAL नमक तत्व होने के कारण इसमें नीम्बू की खुशबू होती है, जिसका प्रयोग, उत्पादों में सुगंध डालने हेतु किया जाता है, खासतौर से हर्बल, कॉस्मेटिक, डिटर्जेंट, साबुन, चाय आदि उद्योगों में भारी मांग रहती है, व्यापारी को बस पता चलने की देर होती है की फलाना क्षेत्र में इसे उगाया जा रहा है, वह आकर आपके घर से खरीद ले जाता है I फसल उत्पादन में लागत: कोई भी किसान जो इसकी खेती करता है वहां से आपको एक स्लिप 1.50 रूपये में मिल जाएगी और प्रति एकड़ तकरीबन 22,000 स्लिप रोपी जाती है यानि प्रति एकड़ 33,000 रूपये की लगत सिर्फ

E20 पेट्रोल की बिक्री शुरू, ₹60 तक हो सकती कीमत

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E20 पेट्रोल की बिक्री शुरू, ₹60 तक हो सकती कीमत: पुरानी गाड़ी में डाल सकते हैं, पैसे बचेंगे लेकिन क्या इंजन पर पड़ेगा असर यो देश के कुछ शहरों में E20 पेट्रोल यानी एथेनॉल मिला पेट्रोल बिकना शुरू हो चुका है। सरकार यह EBP यानी एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के तहत कर रही है। पहले स्टेज में दस से ज्यादा शहरों में इसकी बिक्री शुरू हुई है, अगले दो साल में देशभर में E20 पेट्रोल मिलने लगेगा। आज  जरूरत की खबर  में जानेंगे कि क्या है E20 पेट्रोल, इससे क्या फायदा है, क्या पुरानी गाड़ियों में भी यह इस्तेमाल हो सकेगा और क्या यह पेट्रोल से सस्ता होगा। आज के हमारे एक्सपर्ट हैं विकास योगी, ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट और नरेंद्र तनेजा, एनर्जी एक्सपर्ट। सवाल: E20 पेट्रोल क्या है? जवाब:  जब 80% हिस्सा पेट्रोल का और 20% हिस्सा एथेनॉल का मिलाया जाए तो इसे E20 पेट्रोल कहा जाता है। इसका इस्तेमाल पेट्रोल की ही तरह ईंधन के रूप में किया जा सकता है। सवाल: ये EBP क्या है? जवाब:  EBP यानी एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम। यह सरकार का एक प्रोग्राम है जिसके तहत साल 2018 में टारगेट रखा गया था कि साल 2030 तक देश में 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग व

महोगनी की खेती { African Mahogany Farming }

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महोगनी की खेती African Mahogany Farming फ़सल लगाने का समय : फरवरी से नवंबर फ़सल का उत्पादन का समय :  3 वर्ष के बाद बीज से 12 वर्ष के बाद लकड़ी से। प्रति एकड़ में पौधों की संख्या : 500 पौधे (8x12) फिट खेत में गड्ढे की तैयारी : 6×6 inch पौधे की लागत : 100/-₹ प्रति पौधा (50,000/-₹) खेत में पौधे की लाइन :  पूरब से पश्चिम फ़सल का उत्पादन : प्रति पौधा 20 से 30 Cubic Feet बाज़ार मूल्य :  1000 प्रति Cubic Feet अनुमानित फ़सल से लाभ : 1 करोड़ तक अनुमानित औषधीय खेती से अतिरिक्त आय : 4 से 36 माह तक ( चिया,कलौंजी,तुलसी, अश्वगंधा,अकरकरा, सतावर, सर्पगंधा, एपल बेर,ताइवान पिंक अमरूद, बारा मासी नींबू आदि।  ट्रांसपोर्ट चार्ज-: 500 पौधों से अधिक पर 25% भाड़ा संस्था देगी। 1000 पौधों से अधिक पर 50% भाड़ा संस्था देगी। 2000 पौधों से अधिक पर 100% भाड़ा संस्था देगी। नोट-: औषधीय खेती विकास संस्थान की सहायता से किसान भाई औषधीय पादपों की खेती के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। जैसे-: कॉन्टैक्ट फार्मिंग, बायबैक एग्रीमेंट, ट्रेनिंग, बीज व जैविक खाद, खेती के दरम्यान गाइडेंस ट्रेनिंग आदि। महोगनी की लकड़ी मज़बूत और

एथेनॉल पर सरकार का वो फ्यूचर प्लान जो आम आदमी के साथ किसानों को देगा सीधा फायदा!

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एथेनॉल पर सरकार का वो फ्यूचर प्लान जो आम आदमी के साथ किसानों को देगा सीधा फायदा! बढ़ते पेट्रोल - डीजल के दामों के बीच केंद्र सरकार वैकल्पिक ईंधन के तौर पर एथेनॉल के इस्तेमाल को बढ़ाने की बात कह रही है. सरकार 6 महीने में देश भर में एथेनॉल पंप स्थापित करने की तैयारी में है.  ऐसा कहा जा रहा है कि एथेनॉल के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन कम तो होगा साथ ही लोगों पर पेट्रोल के खर्च का भार भी कम हो जाएगा. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से एथेनॉल गाड़ियां बनाने की अपील केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फ्लेक्सी -फ्यूल इंजन मैन्यूफैक्चर करने की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से अपील की है.  फिलहाल भारत में एथेनॉल से चलने वाली कुछ ही गाड़ियां हैं, जिनका पुणे में ट्रायल चल रहा है.  कुछ साल पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एथेनॉल से चलने वाली बस का नागपुर में ट्रायल किया था. फ्लेक्सी -फ्यूल व्हीकल्स को ऑटोमोबाइल की दुनिया में FFVs के नाम से भी जाना जाता है. पेट्रोल- डीजल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में इनमें कुछ फीचर्स अलग होते हैं. फ्लेक्सी-फ्यूल व्हीकल्स के इंजन में आप अलग - अलग अनुपात में पेट्रोल और एथेनॉल मिलाकर चला सकत

Ready To Transport { Bamboo Hamiltoni / Bhima }

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Bamboo Hamiltoni / Bhima Ready To Transport सभी किसान भाइयों के उनके आर्डर के अनुसार बॉस के पौधे  01 फरवरी 2023 से भिजवाए जायेंगें। और जो भी हमारे किसान भाई बॉस के पौधों की बुकिंग कराना चाहते हैं!  बुकिंग राशि- 1999/-₹  बॉस की खेती से लाखों कमाएं। 🎋🎋🎋🎋🎋🎋🎋🎋🎋🎋 ☎️+91-9044966260 www.akvsherbal.com 🌱🌱 खेती करिये और खेती करवाइये लाभ लीजिये और लाभ दिलवाइये 🌱🌱 हमारे व्यवासायिक सिस्टम से जुड़ने के लिए आज ही हमसे संपर्क करें- औषधीय खेती विकास संस्थान सर्वे भवन्तु सुखिनः Group Of Companies  Advance Agro Tech Agra U.P यहाँ क्लिक करके What’s app द्वारा इंक्वरी कर सकते हैं!  http://api.whatsapp.com/send?phone=919044966260 औषधीय खेती विकास संस्थान  🙏नमस्कार दोस्तों🙏 सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े।   नोट:- उपरोक्त विवरण में लागत,आय,खर्च,समय आदि सामान्य रूप से ली जाने वाली फसल के आधार पर है जो मूल रूप से प्रकृति ,पर्यावरण एवं भौगोलिक परिस्थितियो पर निर्भर है।अतः आय को अनुमानित आधार पर दर्शाया गया है। जिसमे परिवर्तन (कम ज्यादा)हो सकता हैं।

बॉस की खेती "Bamboo Hamiltoni"

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बॉस की खेती खेती करने का समय : फरवरी / नवंबर फ़सल का उत्पादन का समय :  पहली कटाई 4 वर्ष, उसके बाद हर वर्ष, कटाई 60 वर्ष तक होगी। प्रति एकड़ में पौधों की संख्या : 650 पौधे (6x12) फिट खेत में  गड्ढे की तैयारी : 1×1फिट पौधे की लागत : 70/-₹ प्रति पौधा (45,000/-₹) फ़सल का उत्पादन : (150 से 200 टन) वापस खरीद मूल्य : 2000/-₹ टन फ़सल से लाभ : 3 से 5 लाख तक अनुमानित औषधीय खेती से अतिरिक्त आय : 4 से 36 माह तक ( चिया,कलौंजी,तुलसी, अश्वगंधा,अकरकरा, सतावर, सर्पगंधा आदि।  ट्रांसपोर्ट चार्ज-: 500 पौधों से अधिक 25% भाड़ा संस्था देगी। 1000 पौधों से अधिक 50% भाड़ा संस्था देगी। 2000 पौधों से अधिक100% भाड़ा संस्था देगी। नोट-: औषधीय खेती विकास संस्थान की सहायता से किसान भाई औषधीय पादपों की खेती के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। जैसे-: कॉन्टैक्ट फार्मिंग, बायबैक एग्रीमेंट, ट्रेनिंग, बीज व जैविक खाद, खेती के दरम्यान गाइडेंस ट्रेनिंग आदि। औषधीय खेती विकास संस्थान  🙏नमस्कार दोस्तों🙏 सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े।  नोट:- उपरोक्त विवरण में लागत,आय,खर्च,समय आदि सामान्य रूप से ली जाने वा

किसान भाइयों के साथ चर्चा { Bamboo Hamiltoni }

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https://chat.whatsapp.com/D7n10BY1upqKOMJ1VwtRHr आज दिनांक 24-01-2023 ब्लॉक काँट / ग्राम-मोहनिया / ग्राम-इमलिया / ग्राम-जमुही जिला शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश में औषधीय खेती विकास सन्स्थान एवं एडवांस एग्रो टेक की तरफ से एक किसान सभा का आयोजन किया गया जिसमें बांस की खेती एवं उसका व्यवसायिक उपयोग के संबंध में किसान भाइयों के साथ चर्चा की गयी। बस ऐसी ही  छोटी छोटी बाते, प्रयास एवम सहयोग हमे आगे बढ़ते रहने को प्रेरित करते है। आप सब के सहयोग के लिए आप सब का हृदय से आभार। Advance Agro Tech Agra Group Of Companies औषधीय खेती विकास सन्स्थान शाहजहांनपुर उत्तर प्रदेश Website-: www.akvsherbal.com औषधीय खेती विकास संस्थान   🙏नमस्कार दोस्तों🙏 सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े।   नोट:- उपरोक्त विवरण में लागत,आय,खर्च,समय आदि सामान्य रूप से ली जाने वाली फसल के आधार पर है जो मूल रूप से प्रकृति ,पर्यावरण एवं भौगोलिक परिस्थितियो पर निर्भर है।अतः आय को अनुमानित आधार पर दर्शाया गया है। जिसमे परिवर्तन (कम ज्यादा)हो सकता हैं।

रवि फ़सल की वोबोई

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🙏🙏🙏🙏🙏🙏सभी साथियो से निवेदन है कि *अश्वगन्धा/अकरकारा/मिल्क थिसिल/चिया/कलौंजी/कैमोमाइल* का आर्डर मात्र 25 नवम्बर तक ही स्वीकार किया जाएगा। लगाने का अधिकतम समय  नवम्बर अंतिम तारीख तक ही है। अतः जिन साथियो को इन फसलो की खेती करनी है वे या जो साथी फील्ड में काम कर रहे है वे 25 नंवम्बर तक आर्डर कंफर्म करें। ऑफर के अंतर्गत एक दो दिन का आगे पीछे व्यवहारिक रूप से किया जा सकता है इससे ज्यादा नही । 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 *कृपया ध्यान दें और गंभीरता से लें।* सम्पर्क *9044966260* *औषधीय खेती विकास संस्थान* 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 *सर्वे भवन्तु सुखिनः* 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

कालमेघ* एक गुणकारी पौधा है

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🙏🪷 *सुप्रभात* 🪷🙏 *"जिज्ञासा - कालमेघ"- औषधीयगुण* फायदे एंव सावधानियां👇 जागरूकता अभियान के तहत 👇 *श.S*  *कालमेघ* एक गुणकारी पौधा है, जो कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। *कालमेघ का वैज्ञानिक नाम एंड्रोग्राफिस पैनिकुलाटा (Andrographis Paniculata)* है। यह पौधा *हरे रंग* का होता है और इसकी *पत्तियों की बनावट मिर्च के पौधों* जैसी होती है।इसकी पत्तियों का *स्वाद कड़वा* होता है। कालमेघ को *कालनाथ, महातिक्त और ग्रीन चिरेता (Green Chiretta)* के नाम से भी जाना जाता है। *कालमेघ के फायदे* 👇 1) *डायबिटीज के लिए*-  कालमेघ एक जड़ी बूटी है और इसके औषधीय उपयोग को देखते हुए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। इसका उपयोग डायबिटीज की समस्या से बचने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ में *एंटी-डायबेटिक* गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज की स्थिति में आपको सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। चूहों पर किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार भी यह देखा गया की कालमेघ के पौधे का अर्क का सेवन *टाइप 1 डायबिटीज* के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्य कर

नीम की खली के फायदे व कैसे डाले | Neem Khali benefits in hindi

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पौधे के लिए  नीम की खली  एक बढ़िया जैविक खाद (Bio-fertilizer) और कीटनाशक है जिसे डालने से पौधों में अच्छा विकास, रोगों से सुरक्षा मिलती है। भारत सरकार भी नीम की खली युक्त खाद को बढ़ावा दे रही है क्योंकि यह प्राकृतिक खाद हमारे पर्यावरण पर कोई बुरा असर भी नहीं डालती। आइए जानते हैं कि नीम खली क्या है, नीम खली के फायदे व पौधों में डालने का सही तरीका। नीम की खली क्या होती है | नीम खली कैसे बनाई जाती है – Neem ki khali ke fayde नीम के पेड़ पर साल में 1-2 बार फल आते हैं। नीम के फल अंगूर के साइज़ के होते हैं। इन फलों के अंदर कड़ा बीज होता है। नीम के फल को बीज सहित सुखाकर, मशीन में पेराई करने से नीम का तेल निकलता है। तेल निकालने के बाद नीम के बीजों का बचा हुआ अंश ही  नीम की खली  कही जाती है। नीम की खली एक जैविक खाद (Organic Fertilizer) है जोकि हर तरह की फसल और पेड़ों के लिए फायदेमंद है। यह खाद पौधे के लिए सबसे जरूरी तत्व NPK ( नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम), जैविक कार्बन आदि तत्वों से भरपूर होती है। भारत सरकार की मानक संस्था BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) ने नीम की खली को पौधों के लिए एक असरदार ख

देसी गुलाब की खेती

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*औषधीय खेती विकास संस्थान* *गुलाब प्रकृति* प्रदत्त एक अनमोल फूल है जिसकी आकर्षक बनावट, सुन्दर आकार, लुभावना रंग एवं अधिक समय तक फूल का सही दिशा में बने रहने के कारण इसे अधिक पसंद किया जाता है। यदि गुलाब की खेती वैज्ञानिक विधि से किया जाय तो इसके बगीचे से लगभग पूरे वर्ष फूल प्राप्त किये जा सकते हैं। जाड़े के मौसम में गुलाब के फूल की छटा तो देखते ही बनती है। इसके एक फूल में 5 पंखुड़ी से लेकर कई पंखुड़ियों तक की किस्में विभिन्न रंगों में उपलब्ध है। पौधे छोटे से लेकर बड़े आकार के झाड़ीनुमा होते हैं इसके फूलों का उपयोग पुष्प के रूप में, फूलदान सजाने, कमरे की भीतरी सज्जा, गुलदस्ता, गजरा, बटन होल बनाने के साथ-साथ गुलाब जल, इत्र एवं गुलकन्द आदि बनाने के लिए किये जाते हैं। *जलवायु* ठंढ़ एवं शुष्क जलवायु गुलाब के लिए उपयुक्त होती है। जाड़े में इसके फूल अति उत्तम कोटि के प्राप्त किये जाते हैं, क्योंकि जाड़े में वर्षा बहुत कम या नहीं होती है तथा रात्रि का तापक्रम भी कम हो जाता है। लेकिन अत्यधिक कम तापक्रम पर फूल को नुकसान पहुँचता है तथा कभी-कभी फूल खिलने से भी वंचित रह जाते हैं। *भूमि*

जुड़िये हमारे साथ "Join Us"

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जुड़िये हमारे साथ ❤मृदामृत बायो डायनेमिक खाद - 551/- Rs ❤नैनो स्प्रे फर्टीलाइजर (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स)-751/-Rs ❤Myl-45(हेल्थ ड्रिंक)-3500/-Rs ❤फिक्स्ड क्रॉप बेनिफिट्स-12500/-Rs प्रति एकड़ ❤4 से 5 महीने की फसल- 3100/-Rs प्रति एकड़ ❤6 महीने की फसल-6500/-Rs प्रति एकड़ ❤शतावरी - 15000/- Rs प्रति एकड़ ❤अगरवुड/चंदन -250/-Rs  प्रति पौधा इसके अलावा:- सर्पगन्धा,सफेद मूसली,स्टीविया,ब्रह्ममी आदि। ☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝ मात्र 10 लोगो की अपनी एक टीम बनाइये अर्थात आपके अपने 10 मैनेजर जो फील्ड में आपको सपोर्ट कर सके। ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ इसके अलावा आगे बढ़ने के लिए ट्रेनिंग लीजिये,एक एक फ़सल को समझिए। अपने साथ अपनी पूरी टीम को सन्स्थान की तरफ से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल कीजिये। 〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓〓 हम बनेंगे आपकी ताकत न हारेंगे न हारने देंगे। पूरे विश्वास से जुड़िये। एक सुंदर और आर्थिक रूप से मजबूत भविष्य के लिए। द्वारा औषधीय खेती विकास संस्थान ☎️:-9044966260 www.akvsherbal.com सर्वे भवन्तु सुखिनः  🙏नमस्कार दोस्तों🙏 सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े।  नोट:- उपरोक्त वि

Mahogany Farming

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Mahogany Farming: सिर्फ इतने सालों में ही बन जाएंगे करोड़पति, बिना देरी शुरू करें महोगनी के पेड़ों की खेती Mahogany Cultivation: महोगनी को सदाबहार पेड़ माना जाता है. यह 200 फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकते हैं. इसकी लकड़ियों की कीमत बाजार में हमेशा अच्छी-खासी बनी रहती है. ऐसे में हम आपको बताएंगे जा रहे हैं कि महोगनी के पेड़ों की खेती से आप करोड़पति कैसे बन सकते हैं. Mahogany Tree Profit, Business Idea : परंपरागत फसलों की खेती में लगातार होते नुकसान की वजह से अब किसानों नए तरीके की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. इसी के तहत पिछले कुछ सालों में किसानों के बीच पेड़ों की खेती करने का सिलसिला बढ़ा है. किसान इस वक्त सागौन, चंदन और महोगनी जैसे पेड़ों की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. महोगनी को सदाबहार पेड़ माना जाता है. यह 200 फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकते हैं. इसकी लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है और इसे पानी से नुकसान नहीं पहुंचता है. इसे ऐसे स्थान पर लगाया जाता है जहां तेज हवाओं का खतरा कम होता है. महोगनी के पेड़ों का उपयोग महोगनी के पेड़ की लकड़ियों की कीमत बाजार में हमेशा अच्छी-खासी बनी रहती है. स