कालमेघ* एक गुणकारी पौधा है

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*"जिज्ञासा - कालमेघ"- औषधीयगुण*
फायदे एंव सावधानियां👇
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*कालमेघ* एक गुणकारी पौधा है, जो कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। *कालमेघ का वैज्ञानिक नाम एंड्रोग्राफिस पैनिकुलाटा (Andrographis Paniculata)* है। यह पौधा *हरे रंग* का होता है और इसकी *पत्तियों की बनावट मिर्च के पौधों* जैसी होती है।इसकी पत्तियों का *स्वाद कड़वा* होता है। कालमेघ को *कालनाथ, महातिक्त और ग्रीन चिरेता (Green Chiretta)* के नाम से भी जाना जाता है।

*कालमेघ के फायदे* 👇
1) *डायबिटीज के लिए*- 
कालमेघ एक जड़ी बूटी है और इसके औषधीय उपयोग को देखते हुए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। इसका उपयोग डायबिटीज की समस्या से बचने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ में *एंटी-डायबेटिक* गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज की स्थिति में आपको सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। चूहों पर किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार भी यह देखा गया की कालमेघ के पौधे का अर्क का सेवन *टाइप 1 डायबिटीज* के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है।
2) *हृदय स्वास्थ्य के लिए-* 
हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कालमेघ का सेवन किया जा सकता है क्योंकि कालमेघ में *एंटीथ्रोम्बोटिक क्रिया (Antithrombotic Action)*- *रक्त के थक्कों को रोकने की क्रिया* पाई जाती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि यह क्रिया *धमनियों का पतला कर रक्त प्रवाह* में काफी सुधार कर सकती है। इससे हृदय रोग के होने का खतरा कम होता है।
3) *कैंसर की स्थिति में-* 
कैंसर की स्थिति में और इसके कारण होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी कालमेघ में *एंटी-कैंसर* गुण पाया जाता है। इसके साथ- साथ कालमेघ में *एंड्रोग्राफोलाइड (Andrographolide)* नामक *बायोएक्टिव* भी पाया जाते हैं, जो ल्यूकेमिया *(Leukemia – एक प्रकार का ब्लड कैंसर) स्तन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और मेलेनोमा कोशिकाओं (Melanoma Cells - कैंसर का एक प्रकार)* सहित अन्य विभिन्न तरह के कैंसर से बचाव करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है।
4) *अनिद्रा की समस्या में-* 
अनिद्रा की समस्या से बचने के लिए कालमेघ का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि कालमेघ एक *एंटी-स्ट्रेस एजेंट* की तरह कार्य करता है, जो स्ट्रेस को दूर कर अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिला सकता है।
5) *रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए-* 
रोग-प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी होती है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी कालमेघ का सेवन किया जा सकता है। कालमेघ में *इम्यूनोमॉड्यूलेटरी* गुण पाया जाता है। जबकि यह गुण प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है।
6) *कॉमन कोल्ड से बचने के लिए-* 
कॉमन कोल्ड और इंफ्लूएंजा की समस्या से बचने के लिए भी कालमेघ का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि कालमेघ का उपयोग कॉमन कोल्ड से बचने के लिए किया जा सकता है। 
7) *वायरल संक्रमण में-* 
वायरल संक्रमण से बचने के लिए कालमेघ का सेवन किया जा सकता है क्योकि  कालमेघ में *एंटी-वायरल* गुण पाए जाते हैं, जो वायरल संक्रमण को रोकने में सहायता करता है। इसके लिए डॉक्टरी परामर्श पर कालमेघ का अर्क लिया जा सकता है।
8) *लीवर को स्वस्थ रखने के लिए-* 
लीवर का स्वास्थ्य संतुलन बनाए रखने के लिए भी कालमेघ के फायदे देखे जा सकते हैं। इसके लिए कालमेघ की पत्तियों के अर्क का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ की पत्तियों में *हेपटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective)* गुण पाए जाते हैं। इसके अर्क का सेवन *लीवर और रीनल डैमेज (Renal Damage - किडनी डैमेज) से* सुरक्षित रखने में मदद करता है।
9) *घाव भरने के लिए-* 
कालमेघ को एक चिकित्सकीय गुणों वाले पौधे की श्रेणी में गिना जाता है, इसके अतिरिक्त एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि कालमेघ के अर्क का सेवन करके घाव को ठीक किया जा सकता है। 
10) *अपच (Indigestion) की समस्या में-* 
अगर आप अपच की समस्या से परेशान हैं, तो इस समस्या का हल भी आपको कालमेघ के जरिए मिल सकता है। कालमेघ में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो अपच की समस्या को दूर कर सकते हैं। 
*कब खाएं*👇
कालमेघ का सेवन आप दिन में किसी भी समय कर सकते हैं।
*कितना खाएं*👇 
👉 दिनभर में *एक चम्मच* कालमेघ चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। 
👉 दिन में कालमेघ की *¼ टेबलस्पून या ½ टेबलस्पून* की दो खुराक ले सकते हैं।
👉 इसके अलावा, कालमेघ की *आठ से दस पत्तियों* को *एक कप पानी* के साथ *जूस बनाकर* भी सेवन किया जा सकता है। 
👉 कालमेघ के कैप्सूल भी बाजार में उपलब्ध हैं। साथ ही *होम्योपैथिक* में भी उपलब्ध है। कालमेघ की सटीक मात्रा का सेवन जानने के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। वैसे *होम्योपैथिक* दवा हानि कम करता है।
*कालमेघ के नुकसान( Side Effects of Kalmegh)*👇
👉 इसका अत्यधिक मात्रा में किया गया सेवन *एलर्जी* उत्पन्न कर सकता है।
👉 दूसरी दवाओं के साथ कालमेघ का सेवन इंरैक्ट कर सकता है। इसलिए यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो कालमेघ को लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
👉 कालमेघ का अधिक सेवन *लो बीपी और लो शुगर* का कारण बन सकता है। इसलिए समय समय पर बीपी और शुगर लेवल मॉनिटर करते रहें।
👉 इसके *अधिक सेवन से भूख में कमी* आ सकती है।
👉 *गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग* के दौरान कालमेघ चूर्ण के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।

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