महोगनी की खेती { African Mahogany Farming }
महोगनी की खेती African Mahogany Farming
फ़सल लगाने का समय : फरवरी से नवंबर
फ़सल का उत्पादन का समय : 3 वर्ष के बाद बीज से 12 वर्ष के बाद लकड़ी से।
प्रति एकड़ में पौधों की संख्या : 500 पौधे (8x12) फिट
खेत में गड्ढे की तैयारी : 6×6 inch
पौधे की लागत : 100/-₹ प्रति पौधा (50,000/-₹)
खेत में पौधे की लाइन : पूरब से पश्चिम
फ़सल का उत्पादन : प्रति पौधा 20 से 30 Cubic Feet
बाज़ार मूल्य : 1000 प्रति Cubic Feet अनुमानित
फ़सल से लाभ : 1 करोड़ तक अनुमानित
औषधीय खेती से अतिरिक्त आय : 4 से 36 माह तक ( चिया,कलौंजी,तुलसी, अश्वगंधा,अकरकरा, सतावर, सर्पगंधा, एपल बेर,ताइवान पिंक अमरूद, बारा मासी नींबू आदि।
ट्रांसपोर्ट चार्ज-: 500 पौधों से अधिक पर 25% भाड़ा संस्था देगी।
1000 पौधों से अधिक पर 50% भाड़ा संस्था देगी।
2000 पौधों से अधिक पर 100% भाड़ा संस्था देगी।
नोट-: औषधीय खेती विकास संस्थान की सहायता से किसान भाई औषधीय पादपों की खेती के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। जैसे-: कॉन्टैक्ट फार्मिंग, बायबैक एग्रीमेंट, ट्रेनिंग, बीज व जैविक खाद, खेती के दरम्यान गाइडेंस ट्रेनिंग आदि।
महोगनी की लकड़ी मज़बूत और काफ़ी लंबे समय तक इस्तेमाल में लाई जाने वाली होती है। इस पर पानी के नुकसान का कोई असर नहीं होता। महोगनी की लकड़ी का इस्तेमाल जहाज़, फ़र्नीचर, प्लाईवुड, सज़ावट की चीज़ों और मूर्तियों वग़ैरह को बनाने में किया जाता है।
इसके बीज और फूलों का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाइयां बनाने में होता है। महोगनी को कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग यानी ठेके पर होने वाली खेती के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।
महोगनी के पत्तों का इस्तेमाल मुख्य रूप से ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी और मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों की आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है।
बेजोड़ है महोगनी की रोग प्रतिरोधकता
अपने औषधीय गुणों की वजह से महोगनी के पेड़ों पर कोई रोग नहीं लगता। लिहाज़ा, इसे कीटनाशक की ज़रूरत नहीं पड़ती। उल्टा इसकी पत्तियों का इस्तेमाल कीटनाशक बनाने में भी होता है। लेकिन ज़्यादा वक़्त तक जल भराव की चपेट में आने पर इसका तना गलने की तकलीफ़ पैदा हो सकती है। इसीलिए बेजोड़ गुणों वाले महोगनी के पेड़ को किसानों का ‘कमाऊ पूत’ भी कहा गया है।
प्रति एकड़ करोड़ों की कमाई का ज़रिया
नज़दीकी कृषि विकास केन्द्र के विशेषज्ञों का मशविरा लेकर अगर महोगनी की खेती को अपनाया जाए तो 12 से 15 साल बाद जब पेड़ों को काटकर उनकी लकड़ी को बेचने का वक़्त आता है, तब तक प्रति एकड़ करोड़ों की कमाई हो जाती है।
औषधीय खेती विकास संस्थान
Contact Us-: +91-9044966260 Website : www.akvsherbal.com
🙏नमस्कार दोस्तों🙏 सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े।
नोट:- उपरोक्त विवरण में लागत,आय,खर्च,समय आदि सामान्य रूप से ली जाने वाली फसल के आधार पर है जो मूल रूप से प्रकृति ,पर्यावरण एवं भौगोलिक परिस्थितियो पर निर्भर है।अतः आय को अनुमानित आधार पर दर्शाया गया है। जिसमे परिवर्तन (कम ज्यादा)हो सकता हैं।
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