औषधीय खेती के संबंध में मीटिंग प्रोग्राम महाराष्ट्र 2020
"आप सभी किसान भाइयों का स्वागत है।"
🌸औषधीय खेती के संबंध में जानकारी के लिए।
🌸उसके बाजार की जानकारी के लिए।
🌸कब कौन सी फ़सल लगा कर कितना कमाया जा सकता है,यह जानने के लिए।
🌸प्रोसेसिंग और प्रसंस्करण कैसे किया जाता है यह जानने के लिए।
🌸मिश्रित खेती से एक साथ एक ही एकड़ में 2 या 2 से अधिक फसलो की खेती कर कैसे आय बढ़ाई जा सकती है ,यह जानने के लिए।
🌸कम लागत ,अधिक आय,अधिक मुनाफा किन फसलो से मिल सकता है यह जानने के लिए।
👉आइए हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रम सांगली (महाराष्ट्र) में
🙏हमसे मिलिए .......
प्रशिक्षण पंजीयन शुल्क 2100/-
👉संस्थान की स्थायी सदस्यता एवम सैम्पल बीज़ के साथ।
औषधीय फसलें-: नेपाली पिली सतावर, सफ़ेद देशी सतावर, सफेद मूसली, अकरकरा, अशुगन्धा, सर्पगंधा,स्टीविया, अनंतमूल, कलिहारी, पपीता, सेब, चंदन, लेमनग्रास, खस, मिल्क थिस्टल, ब्राहमी आदि।
बीज़/ पौधा/मार्गदर्शन/ बाजार(अनुबंद के साथ मार्केट की उपलब्धता)
औषधीय खेती विकास संस्थान
सभी किसान भइयो को 🙏🏻🙏🙏🙏
जिन किसान भाईयो को औषधीय जड़ी-बूटी की खेती में रुचि हो और वे जानकारी लेना चाहतें हों वे संपर्क करें!
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👉🏻 पुणे, सतारा, कोल्हापुर, नाशिक, मुम्बई, नादेड़, सोलापुर, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, नागपुर,आदि! सभी दोस्तों का सांगली ऑफिस में हार्दिक स्वगात है!
🙏 दिनांक 11 फरवरी से 25 फरवरी 2020
संपर्क:-
औषधीय खेती विकास संस्थान
सर्वे भवन्तु सुखिनः
www.akvsherbal.com
Email-: akvsherbal@gmail.com व्हाट्सएप- https://wa.me/919044966260.
औषधीय खेती विकास संस्थान 🙏नमस्कार दोस्तों🙏 सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े।
नोट:- उपरोक्त विवरण में लागत,आय,खर्च,समय आदि सामान्य रूप से ली जाने वाली फसल के आधार पर है जो मूल रूप से प्रकृति ,पर्यावरण एवं भौगोलिक परिस्थितियो पर निर्भर है।अतः आय को अनुमानित आधार पर दर्शाया गया है। जिसमे परिवर्तन (कम ज्यादा)हो सकता हैं।
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