पपीते की खेती

पपीता की खेती की जानकारी-

-पपीता कोअमृत घट भी कहा जाता है। 

-पपीता में  विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है ।

-ये बहुत कम समय में फल देता है ।

-पपीता का वजन 300 ग्राम से लेकर 1 kg तक होता है ।

-पपीता में कई पाचक एन्जाइम होते है ।

-पपीता के पेड़ की आयु 3 साल तक होती है ।

-1 हेक्टेयर में पपीता का उत्पादन 30 से 40 टन तक होता है ।

शुष्क और गर्म जलवायु में इसके फल अधिक मीठे होते है ।

पपीता के उत्पादन के लिए 26 से 30 डिग्री के बीच होना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि तापमान 10 डिग्री के नीचे न जाय।


पपीता के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी की अवसायकता होती है ।
मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

पपीता के खेत में पानी का निकास की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए ।

खेत को जोत कर अच्छी तरह से समतल कर लेना चाहिए। खेत को हल्का ढाल युक्त बना लेना उपयुक्त होगा ।


गड्ढे की माप 1.25× 1.25 मीटर होनी चाहिए।

बुवाई से पहले इन गड्ढे  में 20 kg गोबर की खाद ,500 ग्राम सुपर सल्फेट , 250 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश मिट्टी में मिला कर  पौध लगाने के 10 दिन पूर्व डाल देनी चाहिए।

1हेक्टेयर में औसतन 600 से 1000 ग्राम बीज की अवसायकता होती है ।

ध्यान रखे के पपीता के पौधे लगाने के लिए  सबसे पहले इसकी नर्सरी तैयार करनी पड़ती है ।


"नर्सरी तैयार करने की जानकारी चहिए तो कंमेंट में लिखे"।




1 हेक्टेयर के लिए लगभग 5000 पौधों की अवसायकता होती है ।

सही तरीके से पौध लगाने के लिए निम्न बात का ध्यान रखना चाहिए।

मई के महीने में अच्छी तरह से गड्ढे बनाकर  15 दिन के लिए खुला छोड़ दे।इस तरह करने पे कीड़े मकोड़े और कई हानिकारक सूक्ष्म जीव नष्ट हो जायेगे।

लंबी प्रजाति के पौधों के लिए गड्ढे की माप  1.8 × 1.8  मीटर रखनी चाहिए।

वैसे तो पपीता लगाने का सही समय जून -  जुलाई होता है लेकिन ज्यादा बारिश वाले इलाकों में सितंबर या फरबरी - मार्च  में लगाना चाहिए।

गड्ढे में पौधा लगाने के बाद गोलाई में 30cm की मिट्टी चढ़ाना चाहिए ताकि पानी ज्यादा न लगे और पौधा सीधा बना रहे ।

पपीता की फसल के लिए 200ग्राम नाइट्रोजन 250 ग्राम फास्फोरस और 500 ग्राम पोटाश की अवसायकता होती है ।

प्रति पौधे को प्रति वर्ष 20 से 25 kg गोबर की सड़ी खाद 1kg बोनमील ,1kg नीम की खली देना चाहिए ।

खाद की मात्रा साल में 3,4 बार में देनी चाहिए।

गर्मियों में 6,7 दिन के अंतराल पे और सर्दी में 10 से 12 दिनों के अंदर सिचाईं करनी चाहिए।

ध्यान रहे पानी सीधा तने के संपर्क में न आये ।

वैसे तो पपीते की फसल में 90 से 100 दिन के अंदर फूल आने लगते है ।

नर पौधों में फूल 1 मीटर तक लंबे और छोटे होते है ।
मादा फूल पीले रंग के 2.5 cm लंबे और तने के नजदीक होते है ।

प्रति 100 मादा पे 5से 10 नर पौधों को छोड़ कर बाकी उखाड़ देना चाहिये।
पपीते में 9,10 माह बाद फल तोड़ने लायक हो जाता है ।

फल पे नाखून से दबाने पे यदि दूध की जगह पानी और तरल निकलता हो तो समझ जाना चाहिए कि फल पक गया है ।


ध्यान रहे छोटी अवस्था मे फलों की छटाई जरूर करनी चाहिए।

गंभीर किसान भाई सीधे संपर्क करें।

📞:- 9044966260 
औषधीय खेती विकास संस्थान
सर्वे भवन्तु सुखिनः
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