जल पीने के फ़ायदे और नुकसान आयुर्वेदिक नुस्खे
जल
हमारा मानव शरीर पंचमहाभूतों से बना है,
अग्नि वायु जल आकाश पृथ्वी
आज हम हमारे जीवन में #जल के महत्व को जानेंगे जहां एक और जीवन यापन के लिए शुद्ध जल आवश्यक है वहीं दूसरी और शुद्ध जल का औषधीय प्रयोग भी है आजकल विविध रोगों का कारण भी जल की अशुद्धता है
शुद्ध जल का प्रयोग करना ही प्राणी मात्र के जीवन का संवर्धन करने में सहायक है आयुर्वेदिक ग्रंथों में कहा गया है अजीर्ण में जल का प्रयोग औषधि के रूप में है एवं जिसमें भोजन जीर्ण हो रहा हो अर्थात पच रहा हो उसमें किया गया जल का प्रयोग बल को बढ़ाने वाला है भोजन के मध्य में किए गए अल्प जल का प्रयोग अमृत तुल्य है एवं भोजन के तुरंत पश्चात लिया गया जल विष पद है अजीर्ण की चिकित्सा जल से ही हो जाती है अजीर्ण हो जाने पर बिना कुछ खाए हुए सोते रहने से अथवा रास्ता चलने से या फिर थोड़ी थोड़ी देर में जल का सेवन करने से अजमेर ठीक हो जाता है यहां पर जल के प्रयोग से अजीर्ण की चिकित्सा की जा सकती है ।
जल का प्रयोग कैसे किया जाए :---
जल का एक साथ अधिक मात्रा में सेवन करने से अन का पाचन नहीं होता एवं जल का सेवन न करने से यही दोष होता है अर्थात भोजन का पाचन नहीं होता है इसलिए अग्नि के संवर्धन हेतु बार-बार जल पीना चाहिए शायद यही कारण है कि हमारी संस्कृति में घर में किसी के आने पर जल पिलाकर ही उसका स्वागत करने की परंपरा है यही नहीं प्रातकाल खाली पेट में जल का सेवन अनेक रोगों को दूर करने वाला होता है सुबह खाली पेट हमें जल बिना कुल्ला किए ही पीना चाहिए अतः स्वस्थ रहने के लिए प्रातकाल खाली पेट जल का सेवन मानव मात्र को नवजीवन प्रदान करता है ।
बहुत अच्छी जानकारी है।
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