“आरोग्य रक्षक किट सेवनविधी" "Prevention is better than Cure"
“आरोग्य रक्षक किट सेवनविधी"
"Prevention is better than Cure"
आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य का रक्षण कर, शरीर व मनो मजबूत बनाने हेतु आयुर्वेद में व्याधि प्रतिरोधक व अग्नि वर्धक औषधियां तथा
दिनचर्या व सदाचार का महत्व वर्णन किया है।
१. आरोग्य धारा भाप (Steam inhalation) गर्म पानी में यह दो चार बुंद डालकर (Steamer) दिन में दो-तीन बार भाप ले ।
२. अणुतेल- सुबह सूर्योदय के बाद / सोते समय दो-दो बूंद तेल प्रत्येक नागपुडी में डालें।
३. रसायन चूर्ण क्वाथ २ कप पानी में दो चम्मच ( १० ग्राम) चुर्ण डालकर उबालें । एक कप पानी शेष रहने पर छान ले । स्वादानुसार गुड व शहद का उपयोग कर सकते हैं। सुबह खाली पेट सेवन करें।
४. आरोग्य रक्षक चूर्ण ४ चुटकी ( १/२ चाय पत्ती का छोटा चम्मच ) जीभ के नीचे, ३ बार ले सकते हैं। शहद, अदरक व स्वराज में स्वरस में मिश्रित करके भी उपयोग कर सकते है ।
५. आरोग्य रक्षक वटी इस वटी का सेवन पहले ५ दिन में २-२ अगले ५ दिन में १ / १ ( भोजन के पूर्व )
"दीर्घ निरोगी जीवन हेतु आयुर्वेदोक्त त्रिउपस्तभं जैसे की आहार, नद्रा व ब्रम्हचर्य का पालन करे"आरोग्यरक्षक किट मंगवाने हेतु संपर्क करें:-औषधीय खेती विकास संस्थानwww.akvsherbal.com
औषधीय खेती विकास संस्थान 🙏नमस्कार दोस्तों🙏 सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े। नोट:- उपरोक्त विवरण में लागत,आय,खर्च,समय आदि सामान्य रूप से ली जाने वाली फसल के आधार पर है जो मूल रूप से प्रकृति ,पर्यावरण एवं भौगोलिक परिस्थितियो पर निर्भर है।अतः आय को अनुमानित आधार पर दर्शाया गया है। जिसमे परिवर्तन (कम ज्यादा)हो सकता हैं।
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