इम्यूनिटी कमजोर होने के ये हैं 5 संकेत
ओमिक्रॉन से बचने के लिए भी एक्सपर्ट लगातार इम्यूनिटी को मजबूत करने की सलाह देते आ रहे हैं. जिसके लिए सभी इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कमजोर इम्यूनिटी के क्या संकेत हैं? अगर नहीं जानते, तो इस आर्टिकल में कमजोर इम्यूनिटी के संकेत के बारे में जान लीजिए.
इम्यूनिटी बढ़ने में काफी समय लगता है
इम्यूनिटी कमजोर होने से वायरस शरीर पर हावी हो जाते हैं
सभी को कमजोर इम्यूनिटी के संकेत भी पता होना चाहिए
कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) की शुरुआत के बाद से ही 'इम्यूनिटी / प्रतिरक्षा / रोग प्रतिरोधक क्षमता' (Immunity) शब्दों का मतलब अधिकतर लोग समझ चुके हैं. मजबूत इम्यूनिटी शरीर को वायरल (Viral), बैक्टीरियल (Bacterial), फंगल (Fungal) या प्रोटोजोआ (Protozoan) आदि से संक्रमित होने से बचाती है. इम्यूनिटी सफेद रक्त कोशिकाओं, लिम्फ नोड्स और एंटीबॉडी से बनी होती है, जो शरीर को बाहरी संक्रमणों से बचाने में मदद करती है. कभी-कभी, जब कोई वायरस शरीर के अंदर चला जाता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली उन हानिकारक वायरस को पहचान लेती है और उसे बेअसर कर देती है, जिससे वह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते.
ओमिक्रॉन से बचने के लिए भी एक्सपर्ट लगातार इम्यूनिटी को मजबूत करने की सलाह देते आ रहे हैं. इम्यूनिटी मजबूत करने के लोग एक्सरसाइज कर रहे हैं, इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड खा रहे हैं, ड्रिंक का सेवन कर रहे हैं आदि. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो इसका पता कैसे लगेगा? शायद इस ओर कभी ध्यान ही नहीं गया होगा. लेकिन आज इस आर्टिकल में कुछ ऐसे संकेत बता रहे हैं, जिनसे पता लगेगा कि आपकी इम्यूनिटी या प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई है.
लगातार थकान बने रहना
रात में 7-8 घंटे की नींद लेने के बाद हर कोई सुबह काफी एनर्जेटिक महसूस करता है. लेकिन जिसकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, वह रात में पर्याप्त नींद लेने पर भी अगले दिन काफी सुस्त महसूस करता है. अगर वह कोई मेहनत का काम न भी करे, तो भी उसके शरीर में थकान बनी रहती है और एनर्जी भी काफी कम रहती है.
इसका इलाज है कि एक्सरसाइज और योग करें. ये दोनों शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ थकान को भी दूर करके शरीर में एनर्जी लाता है.
लंबे समय तक सर्दी-जुकाम बना रहना
एक्सपर्ट कहते हैं कि वयस्कों को साल में 2-3 बार सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन वहीं कुछ लोगों में सर्दी जुकाम अधिक लंबे समय तक बना रहता है या बार-बार होता है. सर्दी-जुकाम के समय एंटीबॉडी विकसित करने और कीटाणुओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को 3 से 4 दिन लगते हैं, यानी कि सर्दी 3-4 दिन बनी रह सकती है. लेकिन अगर आपको लंबे समय तक सर्दी-जुकाम बना रहता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी के संकेत हैं.
लगातार पेट संबंधित समस्या
इम्यूनिटी का संबंध आंत और पेट से भी होता है. इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी का पेट खराब है, तो उसकी सेहत कभी अच्छी नहीं रह सकती. हमारे शरीर में लगभग 70% प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले ऊतक हमारी आंत में होते हैं. यदि आप नियमित रूप से पेट की समस्याओं जैसे दस्त, सूजन, कब्ज आदि से पीड़ित हैं, तो यह कमजोर इम्यूनिटी का परिणाम हो सकते हैं.
अधिक तनाव होना
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का पहला संकेत अधिक तनाव है. एक्सपर्ट बताते हैं कि इम्यूनिटी पर सबसे अधिक प्रभाव तनाव का पड़ता है. अगर कोई अधिक तनाव लेता है, तो जाहिर सी बात है उसकी इम्यूनिटी काफी कमजोर रहेगी. दरअसल, तनाव लेने से श्वेत रक्त कोशिकाओं और लिम्फोसाइट की संख्या में कमी आती है. ये दोनों ही हमारे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और कई तरह के वायरस से बचाते हैं. ऐसे में लंबे समय तक तनाव लेने से इम्यूनिटी धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है.
शरीर के घाव भरने में देरी
रोजमर्रा के काम करते समय हाथ या शरीर में कट लगना या चोट लगना आम बात है. अगर घाव को सही होने में अधिक समय लगता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है. इसके अलावा डायबिटीज में भी घाव भरने में देरी होती है, इसलिए एक्सपर्ट से तुरंत सलाह लें.
औषधीय खेती विकास सन्स्थान
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🙏नमस्कार दोस्तों🙏
सभी से अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पड़े।
नोट:- उपरोक्त विवरण में लागत,आय,खर्च,समय आदि सामान्य रूप से ली जाने वाली फसल के आधार पर है जो मूल रूप से प्रकृति ,पर्यावरण एवं भौगोलिक परिस्थितियो पर निर्भर है।अतः आय को अनुमानित आधार पर दर्शाया गया है। जिसमे परिवर्तन (कम ज्यादा)हो सकता हैं।
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