Posts

लाजवन्ती (छुई-मुई) आयुर्वेदिक नुस्खे

Image
लाजवन्ती (छुई-मुई) जैसा की नाम से ही स्पष्ट होता है जो छुने से मुरझा जाए उसे छुई -मुई कहते हैं। मैंने इस पौधे को पहली बार केरला में देखा था।  छुई-मुई के क्षुप (पौधे) छोटे होते हैं। यह भारत में गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। इसका पौधे जमीन पर फैला हुआ या थोड़ा सा उठा होता है। इसके 30 से 60 सेमी तक के क्षुप पाये जाते हैं। इसके पत्ते चने के पत्तों के समान होते हैं। छुई-मुई के फूलों का रंग हल्का बैंगनी होता है और इस फूल के ही ऊपर गुलाबी रंग के 3 से 9 सेमी लंबी फली लगती है जिसमें 3 से 5 बीज होते हैं। बारिश के महीनों में छुई-मुई में फल लगते हैं।  इसकी अनेक प्रजातिया होती हैं। #विभिन्न भाषाओं में छुई-मुई के नाम :- संस्कृत लज्जालु, नमस्कारी, शमीपत्रा।  हिन्दी         लजालु, छुई मुई। अंग्रेजी       सेनसिटिव पलॉट मराठी        लाजालू। बंगाली       लाजक। पंजाबी       लालवन्त। तैलुगु         अत्तापत्ती। गुजराती     लाजामनी #विभिन्न रोगों में प्रयोग :- #अजीर्ण: छुई-मुई के पत्तों का 30 मिलीलीटर रस निकालकर पिलाने से अजीर्ण नष्ट हो जाता है। #कामला (पीलिया): छुई-मुई के पत्तों का रस निकालकर पीने से कामला

पेट मे अफरा आयुर्वेदिक नुस्खे

Image
अफरा परिचय :-- इस व्याधि में रोगी रोगी का पेट फूल जाता है तथा उसमें वेदना उत्पन्न होकर समस्त शरीर को व्याकुल एवं एवं बेचैन कर देती है आचार्य चरक के अनुसार मलिन आहारों से जठराग्नि के मंद पड़ जाने से आहारों का पाचन नहीं होता है तब उदर में दोषों का संचय होने लगता है । कारण:--   इस व्याधि  के उत्पन्न होने के मुख्य कारण आंत्रिक ज्वर, श्वसनक ज्वर, संग्रहणी आंत्र का पक्षाघात, वायु मुख द्वारा निकालने की आदत, विष के सेवन का प्रभाव, अतिसार, कब्ज इसके मुख्य कारण है।  लक्षण:--- जठराग्नि की दुर्बलता से अजीर्ण होकर डकारे आना छाती के अंदर जलन होना वायु का दबाव पड़ने से हृदय की धड़कन तेज हो जाना, सिर  दर्द होना और चक्कर आना, पेट गड़बड़ना ,पेट में हर्ष समय अशांति सी अनुभव करना । घरेलू उपचार  1. एरंड का तेल और अदरक का स्वरस 20-20 ग्राम मिलाकर गर्म पानी के साथ पिएँ इसे वायु गोला में तुरंत लाभ पहुंचता है  2. सेंधा नमक, काली मिर्च, लौंग तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर रख ले, इसकी 2-3 ग्राम की मात्रा को 1 गिलास पानी में उबालकर पीए । प्रदीप ढुल  प्रदीप पाई आयुर्वेदिक केंद्र  बस स्टैंड के पास  गांव पाई जिला

कोरोना की दवाई आपके शरीर मे ही है

Image
कोरोना की दवाई आपके शरीर मे ही है कोरोना वायरस की कोई दवा अभी नही बनी है।  जो भी कोरोना से स्वस्थ हुए है वो सिर्फ अपनी इम्यूनिटी (शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत) से ही ठीक हुए है।  जिसकी इम्युनिटी अच्छी होगी वो बच जाएगा  मतलब ये हुआ कि हमारे शरीर की इम्युनिटी ही कॅरोना की दवाई है।  तो हमे सारा ध्यान अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर देना चाहिए यदि आप इस महामारी को मात देना चाहते हो। तो हमे यह सीखने की बहुत आवश्यकता है कि किन चीजों से इम्युनिटी बढ़ती है और किन चीजों से इम्युनिटी घटती है। पहले इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजो पर ध्यान देते है:--- 1. योगा 2. व्यायाम या कोई खेल 3. घर का बना शुद्ध भोजन 4. आंवला (किसी भी रूप मे खाए) 5. फल ( खासकर खट्टे फल) 6. हरी सब्जियां 7. दालें 8. गुड़ 9. शुद्ध तेल सरसों तिल या कोई भी (रिफाइंड बिल्कुल नही) 10. तुलसी गिलोय दालचीनी सोंठ हल्दी कालीमिर्च सेंधा नमक निंबु का गर्म पेय व अन्य आयुर्वेदिक पेय पदार्थ। 11. देशी गाय का दूध , दही , लस्सी , घी इत्यादि। #शरीर की इम्युनिटी घटाने वाली चीजें 1. मैदा (सबसे विनाशकारी पदार्थ, किसी भी रूप मे जैसे ब्रेड , नान , भट

लेमनग्रास के फायदे और आयुर्वेदिक नुस्खे

Image
आज का विषय  #लेमनग्रास लेमन ग्रास एक ऐसा हर्ब है जिसमें मौजूद नींबू की खुशबू के कारण इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है।  लेमन ग्रास को आमतौर पर चाय में डालकर इस्‍तेमाल किया जाता है लेकिन पश्चिम भारत में व्यंजनों में और विभिन्न प्रोडक्ट को बनाने में भी इस हर्ब का इस्‍तेमाल किया जाता है ये जादुई हर्ब कई बीमारियों को दूर करने में हेल्प करता है। नींबू की सुगंध लिये लेमन ग्रास में जबरदस्त औषधीय गुण होते हैं। यह  विटामिन ए और सी, फोलेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, पोटैशियम, फास्फोररस, कैल्शि्यम और मैगनीज़ से भरपूर होती है।  लेमन ग्रास टी स्वास्थ्य के लिये लाभकारी मानी गई है। यह एंटीबैक्टीसरियल, एंटीफंगल, एंटी-कैंसर, एंटीडिप्रेसेंट गुणों से भरपूर होती है। ताजी सूखी लेमन ग्रास आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगी।  #लेमन ग्रास के लाभ:---- #एनीमिया दूर करें लेमनग्रास आयरन से भरपूर होने के कारण, यह उन महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी होती है जो आयरन की कमी से जूझ रही है। साथ ही यह एनीमिया के विभिन्न प्रकार में उपयोगी होता है। हमारी बॉडी में आयरन हीमोग्लोबिन (पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जा

गुलाब के फायदे आयुर्वेदिक नुस्खे

Image
गुलाब गुलाब सिर्फ एक बहुत खुबसूरत फूल ही नहीं है बल्कि  कई तरह के औषधिय गुणों से भी भरपूर है। गुलाब की खुश्बु ही नहीं इसके आंतरिक गुण भी उतने ही अच्छे हैं। गुलाब के फूल में कई रोगों के उपचार की भी क्षमता है।  गुलाब के फायदे  1. होंठों का कालापन गुलाब की कुछ पंखुड़ियां पीसकर समान मात्रा में मलाई मिलाकर होंठों पर नियमित लगाना चाहिए। इससे होंठों का कालापन दूर होता है। 2. मुंह के छाले गुलाब के फूल की पंखुड़ियां चबाने या उन्हें उबालकर बनाए गए काढ़े से गरारा करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं। रात भर पानी में सूखे गुलाब को पानी में भिगो कर रखें। सुबह से मसलकर पानी छान लें। इसमें 2 चम्मच चीनी मिलाकर पिएं। इससे पेट की गर्मी दूर हो जाएगी। जिससे छाले स्वत: समाप्त हो जाएंगे। 3. पेट के रोग गुलाब के औषधीय गुण पेट के विकार मिटाते हैं। गुलाब के फूल का रस, सौंफ का रस और पुदीने का रस मिलाकर रख लें। इसकी 4 बूंद पानी में मिलाकर पीने से पेट के रोग समाप्त होते हैं। भोजन करने के बाद 2 चम्मच गुलकंद 2 बार खाएं, पेट के रोग से बचे रहेंगे। 4. शीतपित्त गुलाब के फूल का रस और चंदन का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर शीतपित्

अमरूद के आयुर्वेदिक नुस्खा

Image
 अमरूद के अनेक फायदे अमरूद ऐसा फल है जो देश के ज्यादातर हिस्सों में पाया जाता है, देश में उगाए जाने वाले फलों में क्षेत्रफल और उत्पादन के लिहाज से अमरूद का चौथा स्थान है। उत्तराखंड से ले कर कन्याकुमारी तक इस की बागबानी की जाती है। इसकी खेती बहुत ही लाभदायक है । अमरूद का उत्पादन देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में होता है। अमरूद की बागबानी सभी तरह की जमीन पर की जा सकती है, वैसे गरम और सूखी जलवायु वाले इलाकों में गहरी बलुई दोमट मिट्टी इस के लिए ज्यादा अच्छी मानी जाती है। अमरूद स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त लाभदायक फल है। इसका मूल्य भले ही कम है पर पोषक तत्व सेब से भी अधिक है। भारत में अमरूद की प्रसिद्ध #किस्में इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ49,ललित(लाल गूदेवाला), अर्का अमूल्या, ग्वालियर27,चित्तीदार, करेला, बेदाना,अमरूद सेब,वीएनआरबी आदि हैं .....। अमरूद स्वास्थ्य के लिए एक अदभुत फल है ....अमरूद मीठे स्वाद के कारण जितना पसंद किये जाते हैं उससे भी अधिक अपने गुणों के कारण खाये जाते हैं ... अमरूद के #फायदे :--- #कब्ज अमरूद में भरपूर मात्रा में फाइबर होता

गैस की समस्या से छुटकारा आयुर्वेदिक नुस्खा

Image
जय आयुर्वेद जय भारत  आज एक आयुर्वेदिक टॉफी बताने जा रहा हूँ जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है पेट में गैस रुकने नहीं पाती गैस का दर्द भी दूर करती है , हाजमे की छोटी मोटी समस्या भी ठीक होती है. जो लोग तमाकू गुटखा आदि छोड़ना चाहते हैं इसको प्रयोग करके देखे. जिनके बच्चे टॉफी चोकलेट जैसी हानिकारक चीजे खाने के आदी है उन्हें जरुर बनाना चाहिए वृद्धों को मुह सूखने और स्वादिष्ट चरपरी चीजे खाने की इच्छा होती है उनके लिए भी उत्तम है बनाने में जितनी आसान है उससे कहीं ज्यादा गुणकारी है सामग्री और निर्माण विधि___ छोटी सौंफ 05 ग्राम आमला चूर्ण 05 ग्राम, सफ़ेदमिर्च 05 ग्राम दालचीनी 10 ग्राम मिश्री 25 ग्राम काला नमक 15 ग्राम पकी इमली का गूदा 25 ग्राम सफ़ेद जीरा 50 ग्राम सब सामग्री अलग अलग खूब महीन कूट पीस लें और ठीक से घोटकर मिलाये इसमें इतना नीबू का रस डालें की सब सामग्री आपस में बंध जाए और गोली बनाने में आसानी हो , चने के बराबर की गोलियां बनाकर मिश्री चूर्ण ऊपर से बुरक कर कोटिंग करके छाया में सुखा कर हवाबंद स्टील या कांच के बर्तन में रख लें. मिश्री को सामग्री में मिला

सहजन {MORINGA} एक बहुत लाभदायक औषधीय है।

Image
जय आयुर्वेद जय भारत सहजन के लाभ  🌿 आज सहजन के प्रति जागरण के अभियान का ही यह परिणाम है कि छोटे बालक भी इसके लाभ और गुणों से वाकिफ है। अनेक स्कूलों में सहजन को उगाया गया है। भोइयों की पचोली में तो खेत खेत सहजन सहजन है...। कितनी अनूठी बात है कि जिस देश में व्यक्ति बहुजन, अल्प संख्यक जन, पिछड़े जन के रूप में बंटे हों, वहां सब्जी अपने आपको कहती है : सहजन। सेंजन, मुनगा या सहजन, सुरजने आदि नामों से जाना जाने वाला सहजन (Drumsticks) औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।  इतने गुणों के नाते सहजन चमत्कार से कम नहीं है। गोरखपुर में राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास संस्थान ने बताया कि करीब पांच हजार वर्ष पूर्व आयुर्वेद ने सहजन की जिन खूबियों को पहचाना था, आज के वैज्ञानिक युग में वे साबित हो चुकी हैं। सहजन को अंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहा जाता है। इसका वनस्पति नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। फिलीपीन्स, मैक्सिको, श्रीलंका, मलेशिया

शहतूत बहुत उपयोगी औषधीय है।

Image
शहतूत_की_औषधीय_उपयोगिता गर्मियाँ शुरू हो चुकी है और जंगलों में अनेक प्रकार के फल बहार पर है। शहतूत भी ऐसा ही जंगली फल है जो न केवल जंगलों में बल्कि सडकों और राजमार्गों के किनारे भी पाया जाता है और जिसके फल गर्मियों में प्रचुरता से उपलब्ध होते है। हरियाणा में इसे तुतिया कहते हैं।  आदिवासियों के अनुसार शहतूत का रस पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है और इनका शर्बत भी बनाया जाता है। पातालकोट, मध्यप्रदेश के आदिवासी शहतूत के रस में चीनी मिलकर पीने की सलाह देते है उनका मानना की ऐसा करने से लू से बचाव होता है। शहतूत का रस हृदय रोगियों के लिए काफी लाभदायक होता साथ ही जिन लोगो को ज्यादा प्यास लगने की शिकायत हो उनके लिए भी शहतूत का रस फायदेमंद होता है। शहतूत और नीम की छाल को बराबर मात्र में पीसकर मुंहासों पर लगाने से आदिवासी मानते है इससे मुहांसे ठीक हो जाते है। शहतूत में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते है। शहतूत के सेवन से बच्चों को न केवल पर्याप्त पोषण प्राप्त होता है बल्कि यह बच्चों के पेट के कृमियों का भी नाश करता है। ऐसा माना जाता है की शहतूत का सेवन रक्तविकारों को न

गिलोय के अनेक फ़ायदे

Image
गिलोय   गिलोय एक प्रकार की लता/बेल है, जिसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते है। यह इतनी अधिक गुणकारी होती है, कि इसका नाम अमृता रखा गया है। आयुर्वेद में गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है। गिलोय का रस पीने से शरीर में पाए जाने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ दूर होने लगती हैं। गिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन तथा फास्फोरस पाए जाते है। यह वात, कफ और पित्त नाशक होती है। यह हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढाने में सहायता करती है। इसमें विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक तथा एंटीवायरल तत्व पाए जाते है जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ पहुँचता है। यह गरीब के घर की डॉक्टर है क्योंकि यह गाँवो में सहजता से मिल जाती है। गिलोय में प्राकृतिक रूप से शरीर के दोषों को संतुलित करने की क्षमता पाई जाती है। गिलोय एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जडीबूटी है। गिलोय बहुत शीघ्रता से फलने फूलनेवाली बेल होती है। गिलोय की टहनियों को भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय की बेल जीवन शक्ति से भरपूर होती है, क्योंकि इस बेल का यदि एक छोटा-सा टुकडा भी जमीन में डाल दिया ग