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निर्देशक महोदय CSIR-CIMAP ,

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प्रति        निर्देशक महोदय                              CSIR-CIMAP ,                        पोस्ट-CIMAP ,कुकरैल पिकनिक स्पॉट के पास लखनऊ {उत्तर प्रदेश} -226015       विषय -: मोरिंगा { सहजन } के बीज की आपूर्ति बाबत ! महोदय,      हमारी संस्था विगत कई वर्षों से किसान भाइयों के साथ मोरिंगा की खेती पुरे विश्वास के साथ करवा रही है!       उत्पादन स्वरूप हमारे पास बीज की आपूर्ति के लिए पर्याप्त भंडार है! जिसके तहत हम मोरिंगा की विभिन्न प्रजातियों की खेती के लिए बीज आपूर्ति कर सकतें हैं! प्रजातियों के आधार पर बीज के मूल्य निम्न प्रकार हैं!  PKM -1   3000/-RS   PKM -1   3200 /-RS   PKM -1   8500 /-RS  अतः - महोदय से निवेदन है की आपूर्ति का आवेदन स्वीकार करते हुए सेवा का अवसर प्रदान करें!                                                                                                                                                                                                                                                      आवेदक   

सुनिश्चित फसल का फायदा (Fixed Crop Benefits Plan) One Time 12500/-Rs

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जो भी किसान भाई आगामी फ़सल चक्र में अश्वगन्धा,अकरकारा,चिया, कलोंजी,अजवाइन,मिल्क थिसिल,कैमोमाइल, की खेती बाजार और आय गायरेंटी के साथ खेती करना चाहते है तो आज ही आर्डर कीजिये। लाभ:- (प्रति एकड़) ☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝☝ ⟴एक बार का निवेश 12500/ - ➽ 3 साल का एग्रीमेंट 👉3 से 6 फ़सल दिए जाएंगे 👉फिक्स्ड क्रॉप बेनिफिट प्लान के अंतर्गत 24000/- की वापसी     👉एग्रीमेंट(अनुबंध ) अवधि की समाप्ति पर। 👉प्रति फ़सल 30 हजार से 1 लाख तक कि आमदनी वाली उपज। 👉बीज़,मार्गदर्शन,बाजार की सुविधा औषधीय खेती विकास सन्स्थान के द्वारा दी जाएगी। 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 अब किसी भी स्थिति में किसान भाइयों का नुकशान नही होगा। 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 बेहतर बाजार सुविधाओ के साथ। 🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋 अनेक राज्यो में अनेक किसान भाइयो के सफल अनुभवों के साथ  🪵🪵🪵🪵🪵🪵🪵 खेती किसानी संबंधित अनेकों लाभकारी प्रोजेक्ट के साथ । 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 हमसे जुड़ने के लिए संपर्क करें। प्रोजेक्ट में साथ काम करने हेतु , प्रोजेक्ट के प्रचार-प्रसार हेतु, जो भी व्यक्ति इच्छुक हैं वे भी संपर्क कर सकते है। भविष्य सुरक्षित करने की 100% गायरेंटी संपर्क कॉल:-9044966260

काहु - "सलाद" की खेती लेट्युस (Lettuce)

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‘सलाद’ एक मुख्य सलाद की फसल है । अन्य सब्जियों की तरह यह भी सम्पूर्ण भारतवर्ष में पैदा की जाती है । इसकी कच्ची पत्तियों को गाजर, मूली, चुकन्दर तथा प्याज की तरह सलाद तथा सब्जी के प्रयोग में लाया जाता है । ये फसल मुख्य रूप से जाड़ों में उगायी जाती है । अधिक ठण्ड में बहुत अच्छी वृद्धि होती है तथा तेजी से बढ़ती है । इस फसल को अधिकतर व्यवसायिक रूप से पैदा करते हैं और फसल की कच्ची व बड़ी पत्तियों को बड़े-बड़े होटल तथा घरों में मुख्य सलाद के रूप में प्रयोग करते हैं । इसलिए इस फसल की पत्तियां सलाद के लिये बहुत प्रसिद्ध हैं । यह विदेशी फसल है जिसको विदेशों में बहुत उगाया जाता है । सलाद के सेवन से शरीर को अधिक मात्रा में खनिज पदार्थ तथा विटामिन्स मिलते हैं । यह विटामिन ‘ए’ का एक मुख्य स्रोत है । इसके अतिरिक्त प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्‌स, कैल्सियम तथा विटामिनस ‘ए’ व ‘सी’ दोनों ही प्राप्ति होते हैं । सलाद या काहु की उन्नत खेती के लिए   आवश्यक भूमि व जलवायु सलाद की फसल के लिए ठन्डे मौसम की जलवायु सबसे उत्तम होती है । अधिक तापमान होने पर बनने लगता है बीज आना शुरू हो जाता है और पत्तियों का स्वाद बदल ज

सुनिश्चित फसल का फायदा (Fixed Crop Benefits Plan) 2021

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नए साल की  एक नई शुरुआत आप का इंतेज़ार कर रही है। * अब जुड़िये हमारे साथ Fixed Crop Benefits Plan   के अंतर्गत :-* 1 लाख से शुरुवात पर 500 प्लान्टस अगरवुड के। 10000 प्लान्टस सर्पगन्धा के। गायरेण्टेड प्रॉफिट के अंतर्गत 36 महीने बाद का 2 लाख का चेक एग्रीमेंट के साथ। अब फ़सल बने या बिगड़े 2 लाख का लाभ निश्चित है। प्रोजेक्ट का कुल लाभ अनुमानित करोड़ो में । एक छोटी शुरुवात आप की जिंदगी बदल सकती है। *Fixed Crop Benifit Plan-A:-* 25,000/- 100 plants of Agarwood 1000 plants of Sarpgandha Fixed profit:-50,000/- (after 36 month) Project profit:-1cr ( after 12 years) *Fixed Crop Benifit Plan-B:-* 50,000/- 250 plants of Agarwood 2500 plants of Sarpgandha Fixed profit:-1,00,000/- (after 36 month) Project profit:-2.5cr ( after 12 years) *Fixed Crop Benifit Plan-C:-* 1,00,000/- 500 plants of Agar wood 10000 plants of Sarpgandha Fixed profit:-2,00,000/- (after 36 month) Project profit:-5cr ( after 12 years) प्रोजेक्ट में साथ काम करने हेतु , प्रोजेक्ट के प्रचार-प्रसार हेतु, जो भी व्यक्ति इच्छुक हैं वे भी

संस्था के साथ जुड़ कर लाभ लें पंजीयन मात्र 3100/-

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  सभी किसान भाइयों को प्रणाम आप सब का सहयोग और प्यार है जिसकी बदौलत आज हम   औषधीय खेती क्षेत्र में पूर्ण रूप से कार्यरत है ! संस्थान द्वारा   उच्च गुणवत्ता के बीस , पौधे , मार्गदर्शन   और बाजार तक की सुविधा दे सकने में सक्षम है ! पिछले दिनों हमने एक योजना चलाई थी जिसके अंतर्गत हम संस्थान से जुड़े किसान भाइयो को निःशुल्क बीज देने जा रहे है ! उक्त योजना की अंतिम तिथि 15  अगस्त   2021  थी ! जिसमे कई राज्यों के किसान भाइयो ने अपना पंजीकरण कराया , उनमे से कई किसान भाइयो की इच्छा है की वे अपने अन्य साथियो को भी पंजीकृत करवाना   चाह रहे है ! अतः   उनकी मांग एवं सहयोग   की इच्छा को पूरा करते हुए हम " निःशुल्क बीज वितरण योजना " को आगामी 31 अगस्त 2021  तक के लिए आगे बढ़ा रहे है ! जो भी किसान भाई उक्त योजना के अंतर्गत  3 100/- से पंजीयन करवा कर चिया , कलौंजी , तुलसी , कैमोमाइल   की खेती करना छह रहे है या संस्थान के साथ जुड़ कर आपके

कैमोमाइल की खेती

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कैमोमाइल एक ऐसा फूल है जिसे हम जादुई फूल कह सकते है इसके सूखे फूलों की बहुत मांग हैं! इसके फूलों से निकला तेल बहुत महंगा  बिकता है !इसके  सूखे  फूलों से बनी चाय जहाँ हमें स्फूर्ति देती है वहीँ इसके फूलों को नहाने के पानी में मिला कर नहाने से शरीर स्वस्थ रहता है ! *कैसे और कब करें कैमोमाइल की खेती* :- खेती की शुरुवात अक्टूबर माह में इसका बीज बो कर की जाती है , यह समय इसकी खेती के लिए बहुत अनुकूल होता है ! साथ ही खेत की जुताई करके पाटा लगाने से पहले नीम खाद व केंचुवा खाद का प्रयोग किया जाता है ! खाद का प्रयोग 500 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से किया जाना आवश्यक है !इसके बाद लगभग 1 महीने के अंतराल पर इसे प्रत्यारोपण किया जा सकता है ! कैमोमाइल के फूल के लिए भी आपको ज्यादा समय तक इंतज़ार नहीं करना पड़ता है और इसके फूलों की कटाई लगभग 25 दिन के बाद की जाती है ! इसके फूलों की कटाई कुल 5 से 6 बार होती है और वो आप 25 से 30 दिन के अंतराल में कर सकते है ! *क्यों करें जर्मन कैमोमाइल की खेती* :- कैमोमाइल की खेती में बहुत कुछ खास है!इसकी खेती पूर्णतः जैविक खेती पर आधारित है इसमें किसी भी प्रकार के कीटनाशक य

आर्टीमीसिया 'सिम संजीवनी' की खेती

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केसर की फसल

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बुआई का समय     बुआई का समय 1 जुलाई से 31  अगस्त के बीच  फसल अवधि 90 से 110  दिन  मिटटी की तैयारी व् खेत की जुताई   केसर की फसल बुवाई के समय खेत की तैयारी  के लिए तीन से चार बार जुताई पर्याप्त हैं ! अच्छी पैदावार करने के लिए कृषि यार्ड खाद और अन्य करबार्निक पदार्थों को अंतिम जुताई से पहले मिटटी के ठीक से मिलाया जाना चाहिए! छोटे संचलनीय {2mx 1mx 15Cm } उठाया बेड  अच्छे परिणाम दे सकते हैं! बेड को भी चार भागों पर किसी भी अधिक नमी का निकास करने के लिए चैनल होना चाहिए! बीज की मात्रा   DIBBLING  के लिए 15 कुंतल के घनकन्द प्रति हे. की आवश्यकता होती है ! बुआई का तरीका   घनकन्द 6 -7 सेमी गहरी लगे जाना चाहिए और 10 सेमी X 10 सेमी की दुरी को अपनाना चाहिए! उर्वरक व खाद प्रबंधन  अंतिम जुताई से पहले २० टन गोबर की खाद प्रति हे. मिटटी में डालना चाहिए! 90 किलोग्राम नाइट्रोजन और 60 किलो प्रत्येक फास्फोरस और पोटाश प्रति हे. डालना चाहिए!  सिचाई-: बढ़ती मौसम के दौरान इसे २-३ सिचाई की आवश्यकता है और यह वर्षा पर निर्भर करता है! फसल की कटाई   फूलों की यांत्रिक कटाई से परणसमुह को नुकसान होगा और प्रतिस्थापन घनकन्

औषधीय फसलें व लगाने का समय

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औषधीय फसलों के नाम व समय          👉 नेपाली पीली सतावर 18/24 माह की खेती लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉 देसी सफेद सतवार 18/24 माह की खेती  लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉 अनंतमूल 24 / 36 माह की खेती  लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉 सर्फ़ग़ान्ध 18/20 माह की खेती  लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉🏻 अमृतावनी 24/36 माह की खेती  लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉 लेमनग्रास 6 / 60 माह की खेती  लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉 स्टीविया 6 / 60 माह की खेती  लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉 ब्राह्मी 3 / 36 माह की खेती  लगाने का समय फरवरी से नवंबर। 👉 कस्तूरी हल्दी 9 माह की खेती  लगाने का समय मई से नवंबर। 👉 अदरक 9 माह की खेती  लगाने का समय मई से जुलाई। 👉 सफेद मूसली 8 माह की खेती  लगाने का समय जून से नवंबर। 👉 अश्वगंधा 6 माह की खेती  लगाने का समय जून से नवंबर। 👉 अकरकरा 6 माह की खेती  लगाने का समय अगस्त से नवंबर। 👉 जिरेनियम 4 माह की खेती  लगाने का समय नवंबर से जनवरी। 👉 कैमोमाइल 4 माह की खेती  लगाने का समय  नवंबर से जनवरी। 👉 मेंथा 4 माह की खेती  लगाने का समय मई से जुलाई। 👉 कालमेघ 3 माह की खेती   लगा

नि:शुल्क FPO//NGO//OTHER द्वारा 10//10 किसानों का ग्रुप बनाया जायेगा! जिसमे आपको 6 माह की फसल अश्वगंधा का बीज दिया जायेगा।

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आदरणीय किसान भाइयों ताज़ा कोरोना काल से उत्पन्न परिस्थितियो को देखते हुए औषधीय खेती विकास सन्स्थान एवम संस्थान के साथ जुड़े कारोबारी सहयोगियों ने सेवा की दृश्टिकोण से  उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों के लिए निःशुल्क बीज़  वितरण की योजना की रूपरेखा तैयार की है,जिसे औषधीय खेती विकास सन्स्थान के सहयोग से पूरा किया जाएगा। दस्तावेहज की प्रतियां जमा करें ग्रुप की -: आधार कार्ड कॉपी  पासपोर्ट सिज़ फोटो   बैंक पास बुक कॉपी  शपतपत्र ५० रूपए के  स्टाम्प पेपर  पंजीयन 2100/- Rs इस योजना के अंतर्गत उत्तर  प्रदेश के किसान भाइयों को ही लिया जाएगा। किसी भी एक क्षेत्र ( 5 से 10 किलोमीटर के अंदर ) से 10 किसानों का ग्रुप होना अनिवार्य है। प्रत्येक किसान भाई को 5 से 10 किलो बीज़ दिए जाएंगे। खेती के लिए पूरा मार्गदर्शन/निरीक्षण दिया जाएगा। उत्पादन को सन्स्थान द्वारा  ही बाजार उपलब्ध करवाया जाएगा। इस कार्य हेतु सन्स्थान द्वारा या उनके किसी भी प्रतिनिधि द्वारा किसी भी प्रकार का शुल्क नही लिया जाएगा। किसान भाइयों द्वारा जो बीज़ का उत्पादन होगा उसे भी सन्स्थान द्वारा अन्य किसान भइयो की सहायता के लिए ही उपयो